भगवान श्रीराम, विष्णु के सातवें अवतार, धर्म, भक्ति और कर्तव्य के प्रतीक हैं। उनके जीवन की गाथा रामायण में वर्णित है, जो हमें सत्य, त्याग और अधर्म पर धर्म की विजय का पाठ पढ़ाती है।
"प्रजा की खुशी में ही राजा की खुशी होती है, और उनकी भलाई में ही उसकी भलाई होती है।"
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