सियाराम - भगवान श्रीराम का जीवन और विरासत

श्रीराम - धर्म और मर्यादा के प्रतीक

भगवान राम

भगवान श्रीराम, विष्णु के सातवें अवतार, धर्म, भक्ति और कर्तव्य के प्रतीक हैं। उनके जीवन की गाथा रामायण में वर्णित है, जो हमें सत्य, त्याग और अधर्म पर धर्म की विजय का पाठ पढ़ाती है।

"प्रजा की खुशी में ही राजा की खुशी होती है, और उनकी भलाई में ही उसकी भलाई होती है।"

इतिहास प्रोफाइल शिक्षाएँ संदर्भ

भगवान श्रीराम का इतिहास

अयोध्या में राजा दशरथ और माता कौशल्या के पुत्र के रूप में जन्मे श्रीराम, चार भाइयों में सबसे बड़े थे। उनका जीवन वनवास, संघर्ष, युद्ध और आदर्श शासन से भरा था। उन्होंने हमेशा धर्म का पालन किया।

१४ वर्षों के वनवास में, उन्होंने माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अनेक संघर्षों का सामना किया और रावण का वध कर धर्म की स्थापना की। अयोध्या लौटकर, उन्होंने आदर्श "राम राज्य" स्थापित किया, जो शांति और न्याय का प्रतीक था।

भगवान श्रीराम का प्रोफाइल

भगवान श्रीराम की शिक्षाएँ

श्रीराम का जीवन हमें सिखाता है:

संदर्भ

श्रीराम के जीवन और शिक्षाओं के बारे में अधिक जानने के लिए: